आई विटनेस न्यूज 24,कोरोना से संक्रमित अपने परिजन की जान बचाने के लिए रेमडेसिवीर की मुंह मागी कीमत लोग देने को तैयार जिन्होंने किसी तरह पा लिया और लगवा भी दिया क्या वह बच गए यह बडा सवाल है। इस बारे में विशेषज्ञ कहते है कि इस इंजेक्शन का कोई खास फायदा नहीं है इसलिए इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मान्यता नहीं दिया।
रेमडेसिवीर का वहीं हाल है जैसे वायरल फीवर में एंटीबायोटिक खाओ तो सात दिन में ठीक न खाओ तो भी सात दिन में ठीक.........एआरडीएस रोकने में इसकी कोई भूमिका नहीं है। रिसर्च सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसिया एंड क्लीनिकल फार्माकोलॉजी के सचिव और संजय गांधी पीजीआइ के आईसीयू एक्पर्ट प्रो, संदीप साहू ने साफ शब्दों में कहा कि रेमेडिसवीर के पीछे भागने से कोई फायदा नहीं है। डॉक्टर भी तीमारदार को इसके पीछे भागने के रोकें।
कोरोना संक्रमित में एआरडीएस रोकने में कोई खास फायदा नहीं है। न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ मेडिसिन के हाल के शोध का हवाला देते हुए प्रो. साहू कहते है कि डेक्सामेथासोन सबसे सस्ती और आसानी से मिलने वाली दवा है।
यह दवा एआरडीएस रोकने में काफी कारगर साबित होती है। ऐसा हमने भी कोरोना मरीजों में देखा है खास तौर पर जिनमें लो ऑक्सीजन की जरूरत है । इनमें यह आठ से दस मिली ग्राम 24 घंटे में एक बार देने से वेंटिलेटर पर जाने के आशंका काफी कम हो जाती है।